मैं तो एक ख़्वाब हूं...



मैं तो एक ख़्वाब हूं,
तुम्हारी नींद में झिलमिलाऊंगा
रात का
माहताब हूं,
दिन ढ़ला तो मैं आऊंगा.....

मैं तो एक ख़्वाब हूं,
तुम्हारी नींद में झिलमिलाऊंगा
पलकों के चिलमन से,
अंखियों के झरोखों से,

चुपके-चुपके,
धीरे- धीरे , हौले-हौले
तुमको लेकर जाऊंगा...

- पुनीत भारद्वाज

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