- ये गाना सुनिए....
दरिया का साहिल हो
पूरे चांद की रात हो
और तुम आओ
कभी यूं भी तो हो
कभी यूं भी तो हो....
परियों की महफ़िल हो
कोई तुम्हारी बात हो
और तुम आओ
कभी यूं भी तो हो....
कभी यूं भी तो हो....
कभी यूं भी तो हो
ये नरम मुलायम ठंडी हवाऐं
जब घर से तुम्हारे गुज़रें
तुम्हारी ख़ुशबू चुराएं
मेरे घर ले आएं
कभी यूं भी तो हो....
कभी यूं भी तो हो....
सूनी हर महफ़िल हो
कोई ना मेरे साथ हो
और तुम आओ
कभी यूं भी तो हो....
कभी यूं भी तो हो....
कभी यूं भी तो हो....
ये बादल ऐसा टूटके बरसे
मेरे दिल की तरह मिलने को
तुम्हारा दिल भी तरसे
तुम निकलो घर से
कभी यूं भी तो हो....
कभी यूं भी तो हो....
तन्हाई हो दिल हो
बूंदे हो बरसात हो
और तुम आओ
कभी यूं भी तो हो....
कभी यूं भी तो हो....
दरिया का साहिल हो
पूरे चांद की रात हो
और तुम आओ
कभी यूं भी तो हो
कभी यूं भी तो हो....
1 टिप्पणी:
भागम-भाग जिन्दगी में, बढ़िया गीत सुनवाने का शुक्रिया।
एक टिप्पणी भेजें