जब भी सिगरेट जलती है.. GULZAR

Song- जब भी सिगरेट जलती है
Lyricist- गुलज़ार
Singer- अदनान सामी
Music- विशाल भारद्वाज
Film- नो स्मोकिंग
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hey!! i wana tell u abt this thing
this stick call da cigratte yeah hhh

हुमम फिर तलब-तलब है तलब-तलब
बेसबब-बेसबब फिर तलब है तलब


शाम होने लगी है
शाम होने लगी
लाल होने लगी है
लाल होने लगी


जब भी सिगरेट जलती है
मैं जलता हूं
आग पे पांव पड़ता है
कम्बख़्त धुंए में चलता हूं....


जब भी सिगरेट जलती है
मैं जलता हूं


फिर किसी ने जलाई एक दियासलाई-2
आसमां जल उठा है
शाम ने राख उड़ाई
उबले जैसा सुलगता हूं
कम्बख़्त धुएं में जलता हूं...

लंबे धागे धुंए के -2
सांस सिलने लगी हैं
प्यास उधड़ी हुई है
होंठ छिलने लगे हैं
शाम होने लगी है
शाम होने लगी
लाल होने लगी है
लाल होने लगी


हर बार धुंआ जो निगलता हूं
कम्बख़्त धुंए में चलता हूं
जब भी सिगरेट जलती है
मैं जलता हूं
आग पे पांव पड़ते हैं
कम्बख़्त धुंए पे चलता हूं


जब भी सिगरेट जलती है
मैं जलता हूं

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