कमाल के कमल
कमल हासन की दशावतारम को अगर अजूबों का पुलिंदा कहा जाय तो कुछ गलत नहीं होगा... दशावतारम के साथ भारतीय सिनेगा में कई चीजें पहली बार होगीं... जैसे पहली बार किसी भारतीय फिल्म का बजट डेढ़ अरब बैठा है इस लिहाज से दशावतारम अब तक की सबसे महंगी भारतीय फिल्म बन गई है... पहली बार एक ही अभिनेता दस अलग अलग किरदारों को एक साथ निभागेगा...दशावतारम के लिए पहली बार पांच एकड़ जमी पर पानी जमा कर सेट तैयार किया गया... पहली बार हेलीकॉप्टर पर चेन्नई के आस पास के इलाकों में इतने करीब से शूटिंग की इजाजत दी गई... अब तक भारत सरकार ने बड़े महानगरों में इस तरह की शूटिंग पर मनाही थी... जब हमने आपको फिल्म के बारे में इतना कुछ बताया है, तो चलिए आपको फिल्म ‘दशावतार’ की कहानी की एक झलक भी दिखला दें। इसकी कहानी एक ऐसे वैज्ञानिक की है, जो वक्त के साथ चलने वाली एक मशीन का अविष्कार करता है, लेकिन कुछ शैतानी ताकतें उसका गलत इस्तेमाल करना चाहती हैं। इसे बचाए जाने की कोशिश में ये मशीन तमिलनाडु में रहने वाली एक बूढ़ी महिला के हाथ लग जाती है। दक्षिण के सुपरस्टार कमल हासन ने फिल्म ‘दशावतारम’ में दस अलग-अलग भूमिकाएं निभाई हैं। इस फिल्म में कमल हासन वैष्णव संप्रदाय के अनुयायी से लेकर जॉर्ज बुश तक के किरदार में दिखाई पड़ेंगे। पर जरा सोचिए कि 80 साल की बूढ़ी महिला से लेकर अगर वे चीन की एक मार्शल आर्टिस्ट, वैज्ञानिक और पंजाबी गायक जैसी भूमिका में दिखें तो कितनी दिलचस्प बात होगी। आइए हम आपकी जानकारी में कुछ और इजाफा करते हैं। कलम हासन इस फिल्म में जिन दस किरदारों में दिखेंगे उनके नाम होंगे रंगराजा नांबी, बलराम नायडू, गोविंद रामास्वामी, अवतार सिंह, कृष्णवेणि पट्टी, किश्चियन फ्लेट्ज़र, शिग़्हेन नारहसी, जॉर्ज बुश, विन्सेंट पूवारगन और कैलीफुल्ला खान। फिल्म ‘दशावतारम’ में ऐतिहासिक, वैज्ञानिक, फंतासी, धार्मिक और अत्याधुनिकत जमाने से जुड़ी घटनाओं को दृश्याने के लिए कला निर्देशन के पहलू पर भी काफी ध्यान दिया गया है। फिल्म के कला निर्देशन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता समीर चन्दा और थोट्टा ईरानी की मदद भी ली गई है... दिलचस्प बात तो यह है कि इस फिल्म में सूनामी को दर्शाने के लिए 5 एकड़ जमीन पर पानी जमा करके उसे समुद्र का प्रभाव दिया गया। इस खास दृश्य के लिए अमेरिका से एक विशेष टीम ने आकर इस जमे हुए पानी में लहरों का प्रभाव उत्पन्न किया। जरा सोचिए, कि सूनामी के एक दृश्य को फिल्माने के लिए फिल्म ‘दशावतार’ की टीम ने इतनी मेहनत की है, तो फिर पूरे फिल्म के लिए उन्होंने अपनी पूरी कला ही दांव पर लगा दी होगी। इस फिल्म की पटकथा 12वीं शताब्दी के भारत से शुरु होती है, और फिर पहुंचती हैं आज के जमाने में। ‘दशावतारम’ की कहानी के जरुरतों के मुताबिक की फिल्म की शूटिंग कन्याकुमारी, चेन्नई से लेकर मलेशिया, वाशिंगटन, टोक्यो, न्यूयॉर्क, लॉस एजेंल्सि और फ्लोरिडा तक जाकर फिल्माई गई है। इस हफ्ते ही रिलीज होने वाली फिल्म ‘दशावतारम’ के 1000 प्रिंट जारी किए गये हैं, जो कि दक्षिण भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में एक अनोखी पहल है... भारतीय सिनेमा में ऐसा पहली बार होगा कि एक ही फिल्म 40 देशों में एक साथ रिलीज की जाएगी। फिल्म ‘दशावतारम’ की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मद्रास विश्वविद्यालय, तंजौर विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों की विशेष समिति ही नहीं बल्कि तमिलनाडु के पुरातत्वविद विभाग भी फिल्म के लिए शोध पत्र, और ऐतिहासिक तथ्य जुटाने में लगा हुआ है। इसका मकसद है कि फिल्म की कहानी और पटकथा की प्रामाणिकता को बनाए रखना। रावण के दस सिर थे और ‘दशावतारम’ फिल्म में कमल हसन के दस किरदार हैं। हालांकि हिंदी बेल्ट के दर्शकों को अभी दशावतारम के लिए दो हफ्तों का इंतज़ार करना होगा... लेकिन इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि दक्षिण भारत के सिनेमाघरों में रिलीज से पहले ही २० लाख टिकिट बिक चुकी थीं और वहां के सारे हॉल अगले एक महीने के लिए एडवांस बुक हो चुके हैं...
देवेश वशिष््ठ खबरी
9811852336
किरदारों पर दांव
कहते हैं कि कुछ पात्र कभी नहीं मरते... कुछ किरदार दर्शकों के दिलों पर ऐसा अक्स छोड़ जाते हैं जो गुजरते वक्त के साथ धुंधला होने की जगह और गहराता जाता है... फिल्म इंड्रस्ट्री में ऐसे किरदारों को भुनाने का दौर नया नहीं है... हॉलीवुड में तो ये फैशन है ही पर अब बॉलीवुड भी हर हिट किरदार को दोबारा भुनाना चाहता है... नगीना में श्री देवी की नागिन और सपेरे की दुश्मनी दुनिया ने देखी... फिल्म सुपर डुपर हिट रही और श्री देवी की नागिन ऐसा ही न भूलने वाला किरदार बन गई... लेकिन जब श्री देवी नागिन बनकर दोबारा निगाहों के ज़रिये पर्दे पर आईं तो वो दर्शकों के निगाहों में जगह नहीं बना सकीं... ये मिसाल भर है कि हिंदी फिल्म इंड्रस्ट्री में सिक्वल बहुत सफल नहीं रहे हैं... वास्तव में संजय दत्त मुंबई के डॉन बने तो दर्शकों ने उनकी अदाकारी का खूब सराहा... लेकिन वास्तव के सिक्वल हथियार में संजय दत्त के साथ शिल्पा शेट्टी की जोड़ी को खारिज कर दिया... लेकिन सिक्वल फिल्मों के लगातार प्लॉप के बाबजूद दमदार किरदारों का मोह डायरेक्टर नहीं छोड़ पाये... सिक्वल फिल्मों के प्रयोग में सिनेमा के साहूकारों को मोटा मुनाफा दिखाई देता है नहीं तो यशराज फिल्म्स, राकेश रोशन और विधु चोपड़ा जैसे बड़े बैनर सिक्वल पर इतना पैसा नहीं लगाते... लेकिन यहां ये बात भी ध्यान देने वाली है कि एक हिट फिल्म की सफलता से उसी किरदार पर बनने वाली दूसरी फिल्मों से उम्मीदें बढ़ जाती हैं और इसीलिए सीक्वल बनाने के लिए खास तौर पर तैयारी की जरूरत होती है...निर्माता निर्देशक पर दबाब होता है कि वो पिछली फिल्म से बेहतर फिल्म बनाए क्योंकि लोग सिक्वल फिल्म सिर्फ इसलिए देखने नहीं जाते कि फिल्म बेहतर हो बल्कि लोग उस फिल्म की पुरानी फिल्म से तुलना भी करते हैं... हॉलीवुड के जेम्स बॉण्ड की तर्ज पर हो सकता कि संजय दत्त मुन्ना भाई २, ३, ४, और ५ में भी देखने को मिलें... मुन्नाभाई एमबीबीएस के हिट होने के बाद लगे रहो मुन्ना भाई भी जबर्दस्त हिट रही थी... हिट सीक्वल फिल्मों में फिर हेरा फेरी का नाम भी शामिल है जो जबर्दस्त कॉमेडी फिल्म हेरा फेरी की सिक्वल है... एक्शन फिल्मों में धूम के बाद धूम २ आई पर सफल हुई सुपरनेचुरल पावर पर बनी कोई मिल गया की सिक्वल कृष... अब सुनने में आ रहा है कि घायल, नो एंट्री और रंग दे बसंती जैसी फिल्मों के सिक्वल की भी तैयारी चल रही है... यानी हिट फिल्मों के रीमेक को भले ही दर्शकों ने सिरे से खारिज कर दिया हो पर हिट किरदारों के सिक्वल पर अभी फिल्मकारों का भरोसा बना हुआ है...
देवेश वशिष््ठ खबरी
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