राजधानी की कहानी



कभी इंद्रप्रस्थ, कभी सल्तनत, कभी शाहजहानाबाद
महाभारत से आज भारत तक
ये है हर दिल में आबाद

सदियों पुरानी दिल्ली की कहानी
हुई 100 साल की अपनी राजधानी

- पुनीत बालाजी भारद्वाज