ख़्वाब...









कल शब ख़्वाबों को टिमटिमाते देखा
गीता-कुरान को इक-दूजे से हाथ मिलाते देखा..

मंदिर के आसन पर बैठा था इक नमाज़ी
मस्जिद के द्वारे इक पुजारी को जाते देखा...

गली से गुज़र रहा था इक मस्त-कलंदर
बच्चों की भीड़ में ख़ुद को खिलखिलाते देखा...

होटलों के बाहर भूख से लड़ते भिखारी
होटलों के अंदर जिस्मों को आज़माते देखा....
- पुनीत भारद्वाज

हर रंग में उमंग है.... होली प्रोमो




हर रंग में उमंग है

हर रंग में तरंग है

रंगों भरी होली में..

हर तरफ़ हुड़दंग है

और जब इस हुड़दंग में

मिल जाए दिलों की मस्ती

तब भूलकर हर गिले-शिक़वे

रंगों में डूब जाए हर हस्ती..

आओ बिखेरे प्यार के रंग

मनाए होली इक-दूजे के संग...

- पुनीत भारद्वाज