ज़िंदगी के मायने....


ज़िंदगी इक अजब तमाशा है

कभी नीम सी कड़वी

कभी मीठा बताशा है.......



कभी ज़ालिम है, ज़हर है, क़हर है ज़िंदगी

तो कभी इक सुनहरी सहर है ज़िंदगी



होंठों पे दबी हंसी सी है

पलकों में छिपी नमी सी है....

ज़िंदगी कहो तो एक दुआ-सलाम भी है


हिंदु की राम-राम, मियां का असलाम भी है



और कहते हैं ज़िंदगी जीने का नाम भी है

मगर ज़िंदगी वो इक नाम भी है

जिसके संग ज़िंदगी गुज़ार सकें

वो शख़्स भी आपकी ज़िंदगी ही है
जो आपकी ज़िंदगी संवार सके...




- पुनीत भारद्वाज


Iron Lady Promo


जीते-जी अपने शक्ति प्रदर्शन से बढ़ाई देश की शान
अलविदा भी यूं कहा कि शक्ति स्थल कहलाया हिन्दुस्तान
इंदू से इंदिरा बनी... और इंदिरा से आयरन लेडी
- पुनीत भारद्वाज

शुभ दीपावली (प्रोमो)


ख़ुशियों के रॉकेट

मुस्कुराहटों की फुलझड़ी

प्यार का अनार

खिलखिलाहटों की लड़ी


आनंद की आतिशबाज़ी में बनी रहे आपकी खुशहाली

आपके जीवन को इस बार कुछ यूं रोशन करे दीवाली

अंधकार की अमावस में हो उजाले का उल्लास

इस प्रकाश पर्व पर महालक्ष्मी करें आपके घर वास

और सुख-सृमद्धि सदा रहे आपके आस-पास


"शुभ दीपावली"

- पुनीत भारद्वाज




Happy Diwali..


क्या तीज-दीवाली-ईद और होली,
ज़िंदगी तो ऐसे ही चलती है...
खुशी के ये चंद बहानें ही क्यों,
मैं जब-जब हंसता हूं तो दीवाली मनती है....

ख़ुदा क्या, ख़ुदा के सातों दिन क्या
रोटी की तलब तो हर दिन पेट में पलती है
भूख की तासीर वही, पेट की फ़ितरत वही
इसी सोच से सुबह होती है,
इसी फ़्रिक़्र में सांझ ढलती है....


हर धर्म की जात, हर जात की बात
हमाम में सबकी एक सी औकात
मैं हिन्दू, वो मुसलमां...
ग़र लफ़्ज़ बदल दो तो कहां ज़िंदगी बदलती है...

उजालों की दीवाली में खुशी के रॉकेट छोड़ तू
खुशी की उस रोशनी में अपना अक़्स खोज तू
वो अक़्स जो मुस्कुराहट की चांदनी से बना हो
वो अक़्स जो खिलखिलाहट की दीवानगी से बना हो
उससे आंखें मिलाने सीख ले,

ज़िंदगी की घड़ी-दो-घड़ी में हंसना-हंसाना सीख ले..

- पुनीत भारद्वाज