मैं वो पत्रकार हूं....


क़लम की तलवार हूं
कटाक्ष की कटार हूं
सत्य की मैं धार हूं
वैचारिक ज्वार हूं
लोकतंत्र है जिसकी मंज़िल,
मैं वो पत्रकार हूं...

भाषाई औज़ार हूं
अभिव्यक्ति का व्यवहार हूं
अंकुश हूं, हथियार हूं
ख़बरों की जो ख़बर ले
मैं ऐसा ख़बरदार हूं
लोकतंत्र है जिसकी मंज़िल,
मैं वो पत्रकार हूं...


- पुनीत भारद्वाज

क्योंकि ये मेरी जेब है... बजट प्रोमो

टैक्स पे टैक्स..

औंधे मुंह गिरता सेनसेक्स..

इनफ्लेशन का दौर..

महंगाई चारों ओर..

चिदंबरम का पिटारा तय करेगा आप पर बजट का भार

और कितनी पड़ेगी इस साल टैक्स की मार

क्या आपकी जेब झेल पाएगी... बजट 2008

क्योंकि ये मेरी जेब है !

-पुनीत भारद्वाज

अजनबी शहर है.... गुलज़ार

Song- अजनबी शहर है...
Lyricist- गुलज़ार
Singer- सोनू निगम
Music- अनू मलिक
FILM- जानेमन
DIRECTOR- शिरिष कुंडूर





अजनबी शहर है, अजनबी शाम है
जिंदगी अजनबी, क्या तेरा नाम है ?
अजीब है ये जिंदगी ये जिंदगी अजीब है
ये मिलती है बिछड़ती है, बिछड़ के फिर से मिलती है
अजनबी शहर है, अजनबी शाम है....


आप के बगैर भी हमें, मीठी लगें उदासियाँ
क्या, ये आपका, आपका कमाल है
शायद आपको खबर नहीं, हिल रही है पाँव की जमीं
क्या, ये आपका, आपका ख्याल है
अजनबी...शहर में... जिंदगी मिल गई
अजीब है ये जिंदगी, ये जिंदगी अजीब है
मैं समझा था करीब है, ये औरों का नसीब है

अजनबी शहर है, अजनबी शाम है
बात है ये इक रात की, आप बादलों पे लेटे थे
हुं वो याद है आपने बुलाया था
सर्दी लग रही थी आपको,पतली चाँदनी लपेटे थे
और शाल में ख्वाब के सुलाया था
अजनबी ही सही, सांस में सिल गई
अजीब है ये जिंदगी ये जिंदगी अजीब है
मेरी नहीं ये जिंदगी रकीब का नसीब है ।



नैना ठग लेंगें..... गुलज़ार


Song- नैना ठंग लेंगे...
Lyricist- गुलज़ार
Singer- राहत फ़तेह अली खान
Music- विशाल भारद्वाज
FILM- ओंकारा
DIRECTOR- विशाल भारद्वाज



नैणों की मत मानियो रे, नैणों की मत सुनियो
नैणो की मत सुनियो रे ,नैणा ठग लेंगे
नैणा ठग लेंगे, ठग लेंगे, नैणा ठग लेंगे,
जगते जादू फूंकेंगे रे, जगते-जगते जादू
जगते जादू फूंकेंगे रे, नींदें बंजर कर देंगे,
नैणा ठग लेंगे नैणा ठग लेंगे,
ठग लेंगे, नैणा ठग लेंगे
नैणों की मत मानियो रे.......

भला मन्दा देखे ना पराया ना सगा रे,
नैणों को तो डसने का चस्का लगा रे
भला मन्दा देखे ना पराया ना सगा रे,
नैणो को तो डसने का चस्का लगा रे
नैणो का जहर नशीला रे, नैणों का जहर नशीला.....
बादलों मे सतरंगियाँ बोवें, भोर तलक बरसावें
बादलों मे सतरंगियाँ बोवे, नैणा बावरा कर देंगे,
नैणा ठग लेंगे, नैणा ठग लेंगे,
ठग लेंगे, नैणा ठग लेंगे

नैणा रात को चलते-चलते, स्वर्गा मे ले जावें
मेघ मल्हार के सपने दीजे, हरियाली दिखलावें
नैणों की जुबान पे भरोसा नही आता,
लिखत पढत ना रसीद ना खाता
सारी बात हवाई रे, सारी बात हवाई
बिन बादल बरसावें सावण, सावण बिण बरसाता
बिण बादल बरसाए सावन, नैणा बावरे कर देंगे,
नैणा ठग लेंगेनैणा ठग लेंगे, नैणा ठग लेंगे
नैणा ठग लेंगे, नैणा ठग लेंगे
नैणों की मत मानियो रे.......
जगते जादू फूंकेंगे रे, जगते जगते जादू
नैणा ठग लेंगे, नैणा ठग लेंगे नैणा ठग लेंगे, नैणा ठग लेंगे



तेरे इश्क़ में.... गुलज़ार




Song- तेरे इश्क़ में..
Lyricist- गुलज़ार
Singer- रेखा भारद्वाज
Music- विशाल भारद्वाज
Album- इश्क़ा-इश्क़ा


तेरे इश्क़ में
हाय तेरे इश्क़ में
राख से रूखी
कोयल से काली
रात कटे ना हिज़्राँ* वाली (वियोग की रात)



तेरे इश्क़ में
हाय तेरे इश्क़ में




तेरी जुस्तजू
करते रहे
मरते रहे
तेरे इश्क़ में
तेरे रू-ब-रू
बैठे हुए
मरते रहे
तेरे इश्क़ में



तेरे रू-ब-रू
तेरी जुस्तजू*(तलाश)
तेरे इश्क़ में
हाय तेरे इश्क़ में


बादल धुने
मौसम बुने
सदियाँ गिनीं
लमहे चुने
लमहे चुने
मौसम बुने
कुछ गर्म थे
कुछ गुन-गुने

तेरे इश्क़ में
बादल धुने
मौसम बुने
तेरे इश्क़ में
तेरे इश्क़ में
हाय तेरे इश्क़ में




तेरे इश्क़ में
तन्हाईयाँ-तन्हाईयाँ
तेरे इश्क़ में
हमने बहुत बहलाईयाँ
तन्हाईयाँ
तेरे इश्क़ में
रूसे कभी मनवाईयाँ
तन्हाईयाँ तेरे इश्क़ में



मुझे टोह कर
कोई दिन गया
मुझे छेड़ कर
कोई शब गई
मैंने रख ली सारी आहटें
कब आई थी
शब कब गई

तेरे इश्क़ में
कब दिन गया
शब कब गई
तेरे इश्क़ में
तेरे इश्क़ में
हाय तेरे इश्क़ में
राख से रूखी ...



दिल सूफी था
हम चल दिये
जहाँ ले चला
तेरे इश्क़ में
हम चल दिये
तेरे इश्क़ में
हाय तेरे इश्क़ में

मैं आस्माँ
मैं ही ज़मीं
गीली ज़मीं
सीली ज़मीं
जब लब जले
पी ली ज़मीं
गीली ज़मीं

तेरे इश्क़ में

बुल्ला की जाना मैं कौण..... सूफ़ी बुल्लेशाह








Song- बुल्ला की जाना

Lyricist- सूफ़ी बुल्ले शाह
Singer- रब्बी शेरगिल
Music- रब्बी शेरगिल







बुल्ला कि जाणां मैं कौन ?
ना मैं मोमिन विच मसीताँ-1
ना मैं विच कुफ्र दियां रीताँ-2
ना मैं पाकां विच पलीताँ-3
ना मैं अन्दर वेद किताबाँ-4
ना मैं रहदाँ भंग शराबाँ-5
ना मैं रिंदाँ मस्त खराबाँ-6
ना मैं शादी ना ग़मनाकी-7
ना मैं विच पलीति पाकी-8
ना मैं आबी ना मैं खाकी-9
ना मैं आतिश ना मैं पौण-10


बुल्ला कि जाणां मैं कौन ?


1-ना मेरी मस्जिद में आस्था है. 2- ना व्यर्थ की पूजा पद्धतियों में.
3- ना मैं शुद्ध हूँ ना मैं अशुद्ध. 4-मैं नहीं वेदों और धर्मग्रंथों में हूं.
5- ना ही मुझे भांग या शराब की लत है 6- ना ही शराब सा मतवालापन
. 7- ना तुम मुझे पूर्णतः स्वच्छ मानो. 8-ना ही गंदगी से भरा हुआ.
9-ना जल, ना थल. 10-ना अग्नि ना वायु


ना मैं अरबी ना लहोरी-1
ना मैं हिन्दी शहर नगौरी-2
ना हिन्दु ना तुर्क पेशावरी-3
ना मैं भेद मज़हब दा पाया-4
ना मैं आदम हव्वा जाया-5
ना मैं अपणा नाम कराया-6
आव्वल आखिर आप नूँ जाणां-7
ना कोइ दूजा होर पहचाणां-8
मैं थों होर न कोई सियाणा-9
बुल्ला शाह खडा है कौण-10


बुल्ला कि जाणां मैं कौन?


1- ना मैं अरब का हूँ, ना लाहौर का.
2-ना नगौर मेरा शहर है ना मैं हिंदभाषी हूं
3-ना तो मैं हिंदू हूँ, ना पेशावरी तुर्क. 4-ना मुझे धर्मों का ज्ञान है
5-ना मैं दावा करता हूँ कि मैं आदम और हव्वा की संतान हूँ.
6-ये जो मेरा नाम है वो ले कर इस दुनिया में मैं नहीं आया
7-मैं पहला था, मैं ही आखिरी हूँ.
8- ना मैंने किसी और को जाना है ना मुझे ये जानने की जरूरत है.
9-गर अपने होने का सत्य पहचान लूँ.
10-तो फिर मुझ सा बुद्धिमान और कौन होगा?



ना मैं मूसा न फरौन-1
ना मैं जागन ना विच सौण-2

ना मैं आतिश ना मैं पौण-3
ना मैं रहदां विच नादौण-4
ना मैं बैठां ना विच भौण-5

बुल्ला शाह खडा है कौण-6
बुल्ला कि जाणां मैं कौन


1-ना तो मैं मूसा हूँ और ना ही फराओ .
2-ना मैं जाग रहा हूं, ना ही निंद्रा में हूं.
3- ना तो मैं आग में हूं, ना ही हवा में.
4- ना मैं ठहरा हूं, ना लगातार चल रहा हूं
5- मैं बुल्ले शाह आज तक अपने अक्स की तालाश में हूँ.
6- मैं नहीं जानता हूं मैं कौन हूं ?

ROCK ON...


कुछ किताबें जिंदगी में अधूरी छूट जाती हैं..वक्त की हवा के साथ जब भी उस किताब के पन्ने फड़फड़ाते हैं तो हर किसी को यही लगता है कि अगर उसने ये किताब पूरी पड़ी होती तो शायद आज कहानी कुछ और होती....बतौर निर्देशक अभिषेक कपूर ROCK ON से पहले आर्यन नाम से बॉक्सिंग पर एक फिल्म बना चुके हैं...उसका हाल क्या हुआ था...ये बताने की जरुरत नहीं...लेकिन इस बार जेसन वेस्ट के कमाल के कैमरा वर्क के साथ अभिषेक ने ROCK ON से एक नई जमीन तैयार की है...हॉलीवुड में रॉक की दिवानगी को लेकर कई फिल्में बनी हैं जिसमें JAck BlacK की कॉमेडी फिल्म School of ROck जैसी हलकी-फुलकी फिल्मों की भी लंबी कतार है...लेकिन मुंबईया इंडस्ट्री में 1960 के दशक से THE BEATLES और ROLLING STONES का असर दिखना शुरु हो गया था...ये रॉक बैंड अपने आप में कैसे क्रांतिकारी आंदोलन बन गये...इसे ROCK ON देखने का बाद ज्यादा समझा जा सकता है..क्योंकि ये पहली भारतीय फिल्म होगी जो रॉक के जुनून और उसके जोश की कहानी को आधार बना कर तैयार की गई है...चार दोस्त..रॉक का जुनून..जीत की भूख..कामयाबी का नशा..तकरार..प्यार..दोस्ती..फ्लैशबैक..औऱ भी न जाने कितने शब्द इस फिल्म की जमीन को तैयार करने में काम आये होंगे...लेकिन किसी भी फिल्म में निर्देशक के सपने को नई शक्ल देते हैं उसके अभिनेता...औऱ ROCK ON में ये काम किया है अर्जुन रामपाल(joe)..ल्युक कैनी(rob) ...पूरब कोहली(kd)...प्राची देसाई(sakshi)..शहाना गोस्वामी(debbie) और फरहान अख्तर ने...(aditya shroff)
हर किरदार यहां अपनी जिंदगी से लड़ रहा है Joe Mascarenhas(अर्जुन रामपाल) को सिर्फ गिटार बजाना आता है..और कुछ नहीं आता सिर्फ यही एक किरदार है जो पूरी फिल्म में शुरु से आखिर तक संघर्ष करता रहता है...संगीत के लिए..संगीत के साथ..वो सही मायनों में कलाकार है...बाकी सब अपनी जिंदगी से समझौता कर लेते हैं...ROB (ल्युक कैनी) एक संगीतकार के हाथ के नीचे काम करने लगता है...ADITYA (फरहान अख्तर) एक सफल बिजनैस मैन बन जाता है..तो वहीं KD( पूरब कोहली) अपने पिता की ही दुकान का नौकर हो जाता है...हर कोई एक खामोश जिंदगी जी रहा है...औऱ 10 साल पुरानी जिंदगी की परछाई से बाहर आना चाहता है...जब उनका एक बैंड था...अपना संगीत था..जिसका नाम MAGIK हुआ करता था...लेकिन फिल्म के तीन छुपे रुस्तम और हैं वो हैं इसके संगीतकार..शंकर एहसान औऱ लॉय जिन्होंने रॉक की नब्ज़ को भारतीय क्लेवर में बखूबी ढ़ाला है...इसके अलावा दीपा भाटिया की एडिटिंग भी कमाल है...इस फिल्म को देखने के बाद लगा कि 1960 --से 2008 तक यानी पूरे चालीस सालों का वक्त लगा रॉक को हिंदुस्तानी फिल्म में ढ़लने के लिए...बात सिर्फ इतनी है कि कहानियां बहुत हैं पर जोखिम उठाना हर किसी के बस की बात नहीं..बतौर निर्माता औऱ कलाकार फरहान अख्तर इसमें कामयाब हुए हैं...अब उन्हें औऱ अभिषेक को कोई फिसड्डी नहीं कहेगा...



तुषार उप्रेती