प्यार,प्रेम, इश्क़ कभी करके तो देख
ढ़ाई आखरों का फ़लसफ़ा कभी पढ़के तो देख
कबसे बस साहिल पे खड़ा है
माना आग का दरिया है, इक बार उतरके तो देख
अभी तो तुमने बस मेरी मोहब्बत देखी है
गर इंतिहा-ए-इश्क़ देखनी है तो मुझसे लड़के तो देख
- पुनीत भारद्वाज
Song- बावरा मन...
Lyricist- स्वानंद किरकिरे
Singer- स्वानंद किरकिरे
Music- शांतुनु मोइत्रा
Film- हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी..
Director- सुधीर मिश्रा
Song- चड्डी पहनके फूल खिला है
Lyricist- गुलज़ार
Music- विशाल भारद्वाज
PROGRAMME- मोगली
जंगल-जंगल बात चली है, पता चला है..
अरे चड्डी पहनके फूल खिला है, फूल खिला है...
जंगल-जंगल पता चला है, चड्डी पहनके फूल खिला है..
जंगल-जंगल पता चला है, चड्डी पहनके फूल खिला है..
एक परिंदा होए शर्मिंदा..
था वो नंगा...
भइया, इससे तो अंडे के अंदर
था वो चंगा...
सोच रहा है बाहर आकर क्यूं निकला है...
अरे चड्डी पहनके फूल खिला है, फूल खिला है...
जंगल-जंगल पता चला है, चड्डी पहनके फूल खिला है..
जंगल-जंगल पता चला है, चड्डी पहनके फूल खिला है..