कोई है जो याद करता है तुम्हें
कोई है जो सांस लेता है सिर्फ़ तुम्हारे लिए
दिल हमारा भी मचलता है तुम्हारे बिना
इक-इक पल सदियों सा कटता है हमारा तुम्हारे बिना
हर इक आहट पर हम भी चौंक जाते हैं
भीड़ से बाज़ार से अब हम भी जी चुराते हैं
रत-जगे हम भी तेरी याद में मनाते हैं
तुम्हें भूल पाने की क़समें हम भी रात-दिन खाते हैं
मगर तुम्हें हम भूल पाएं तो भूल पाएं कैसे
और आरज़ू क्या है ये भी जताएं कैसे
ये दिल ही है जिसने ये दिन दिखाया है
लबों पे ख़ामोशी भीतर इक तूफ़ान सा जगाया है
भीतर इक तूफ़ान सा जगाया....
कोई है जो सांस लेता है सिर्फ़ तुम्हारे लिए
दिल हमारा भी मचलता है तुम्हारे बिना
इक-इक पल सदियों सा कटता है हमारा तुम्हारे बिना
हर इक आहट पर हम भी चौंक जाते हैं
भीड़ से बाज़ार से अब हम भी जी चुराते हैं
रत-जगे हम भी तेरी याद में मनाते हैं
तुम्हें भूल पाने की क़समें हम भी रात-दिन खाते हैं
मगर तुम्हें हम भूल पाएं तो भूल पाएं कैसे
और आरज़ू क्या है ये भी जताएं कैसे
ये दिल ही है जिसने ये दिन दिखाया है
लबों पे ख़ामोशी भीतर इक तूफ़ान सा जगाया है
भीतर इक तूफ़ान सा जगाया....
-पुनीत बालाजी भारद्वाज
13 टिप्पणियां:
Nice efforts, gud poetry sense, why u guys have posted movies lyrics in your blog, just can't figure out. Anyways, i wish you all the best for your efforts and wanna hear some great stuffs from you. Keep posting more........................
kya bolu, dil ki bhaavnaon ko vyakt karti tumhari kavita hamesha dil k kareeb rahegi.
kyun na ek lakshya banae...jise paane ki kasmein hm khaye, ek nayi aur apna dil lagaye, jahan zhindagi ka asli mayna samajh payein.....
वाह !
बहुत ख़ूब !
Main toh jeevan bhar ke liye, tumhari mureed ho gayi re...Fantastic!
very nice...Gulzar ki poem lag rhi h..in your voice.
very nice Puneet !!!
Harita se achha comment kaun de sakta....... Gulzaar ki poem lag rahi hai.....
bas aise hi likhte raho aur khoob waah-waahi batoro,
All the best
Hey! Thanks Rama and Good Luck Puneet.
ये दिल ही है जिसने ये दिन दिखाया है
लबों पे ख़ामोशी भीतर इक तूफ़ान सा जगाया है
कविता पढ़ने का आपका अंदाज़ पसंद आया...
What a poem & recitation... i dont know u but now i want to know u....
beautiful poem....
koi hai jo yad karta he tumhe....sirf tumhe
Duniya ki sabse khubsurat poem
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