एक औरत....

आदमी हूं मगर
एक औरत की दिल की दुनिया जानता हूं
जानता हूं...
एक औरत का दिल
एक समुद्र की तरह गहरा,
आसमान की तरह विशाल,
गुलाब की पांखुड़ी से भी कोमल
और मंदिरों की घंटियों,
मस्जिदों की अज़ानों से भी पवित्र होता है

मगर जब एक आदमी और एक औरत के बीच प्यार होता है
और वो आदमी उस औरत को जब दिल से अपने दिल में रखता है
तो ये सारी दुनिया उसके दिल में समा जाती है
ये ख़ूबसूरत कायनात उसकी हो जाती है
कितना खुशनसीब होता है
वो शख़्स जिसे सच्चा प्यार मिलता है




-पुनीत भारद्वाज

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